सबा - 22

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जब घर का ये बावेला थमा तो एक शाम छत पर बैठे- बैठे चमकी ने बिजली को घेर लिया। उसके पास आ बैठी और लगभग पुचकारते हुए ही उससे बोली - अच्छा, जो हुआ सो हुआ। जाने दे। पर अब बता तो सही कि हुआ क्या था? तू नंदिनी के घर से अचानक गायब कैसे हो गई? वो भी मुझे बिना बताए।बिजली पल भर को चुप रही। लेकिन उसे खामोश देख कर चमकी ने भी तेवर बदले। सचमुच रोने लगी। सुबकते - सुबकते ही बोली - चल साल भर बड़ी बहन कोई इतनी बड़ी नहीं होती कि उससे पूछ कर