बोम्बे का 1960 का दशक, कई लोगो के लिए महत्त्वपुर्ण समय था। बोम्बे जो अभी अभी विकसित शहेरो की कतार मे उभर रहा था। कई लोग यहां रोज अपने सपने पुरे कर ने, या तो खुद के जीवन को सपना बनाने यहां आते थे। मुझे एक लेखक के तौर पर इस शहर ने वो सब कुछ दिया.. जिस की मुझे चाह थी। मेरी दो किताबो को इस शहेर के लोगो ने बहुत प्यार दीया.. आज जो मे ये अमीरी की और एक चर्चित लेखक की जींदगी जी रहा हु.. ये बिलकुल न होती अगर वो हादसा मेरे साथ न हुआ