(17)सन्नाटे में झींगुरों की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थीं। खिड़की खुली हुई थी। उससे हवा आ रही थी। दिशा को ठंड लग रही थी। पुष्कर ने उठकर खिड़की बंद कर दी। उसे शॉल ओढ़ा दिया। अपने और उसके पैरों पर कंबल डाल लिया। दिशा के दिमाग में माया और विशाल की प्रेम कहानी घूम रही थी। पुष्कर के हिसाब से वह उस प्रेम कहानी का प्रमुख पात्र था। जिसके कारण माया और विशाल की प्रेम कहानी आगे बढ़ी थी। उसने पुष्कर से कहा,"तुमने तो भइया और माया के प्रेम को बढ़ते देखा था। तुम्हें क्या लगता था ? भइया माया