बूढ़ी दाई मां का असली नाम यशोदा था। यशोदा दाई के काम में इतनी होशियार थी कि बड़े-बड़े डॉक्टर भी उसके हुनर को नमस्कार करते थे। इसलिए यशोदा का अपने गांव और आसपास के गांव में बहुत मान सम्मान था। उसको खुद पता नहीं चला था, कि लोग उसे कब से यशोदा की जगह दाई मां कहने लगे हैं। यशोदा मथुरा के पास छोटे से गांव मजुपूर कि रहने वाली थी। बचपन में ही उसके माता पिता का एक महामारी में देहांत हो गया था। माता पिता का स्वर्गवास होने के बाद उसके जीने का सहारा उसका छोटा भाई कन्हैया