सिद्धार्थ देहरादून का रहने वाला था। वह अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। माता पिता के निधन के बाद उसके जीवन में बहुत अकेलापन आ गया था। सिद्धार्थ देहरादून की एक अच्छी कंपनी में उच्च पद पर नियुक्त था। सिद्धार्थ का एक नियम था कि रोज ऑफिस की छुट्टी होनेे के बाद ऑफिस के पास वाली मार्केट में जा कर रोज जूस पीने का। सिद्धार्थ अपनी बाइक पर बैठ कर जब जूस पीता था, तो मार्केट में अपने परिवार केेे साथ लोगों को बाजार में घूमता हुआ देेख कर उसको बहुत सुकून मिलता था। और अपने मन में सोचता