जिन्नजादी - भाग 17

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जिन्नजादी 17धीरे-धीरे अपने अतीत के करीब जाने लगी।लेकिन अभी भी वह युसूफ अली कोपहचान नहीं पाई थी।बस उसे युसूफ अली का दर्द देखा नहीं जा रहा था।वह युसूफ अली का सरअपनी गोद में रखकर सहलाने लगती है।बेहोश हो पड़ा युसूफ अलीइस एहसास को महसूस कर लेता है।बेहोशी की हालत में वह हिना को गले लगा लेता है।हिना के रोंगटे खड़े हो जाते।उसकी आंखों में जो धुंधली धुंधली तस्वीरें दिखाई दे रही थीउनसे धूल हट कर आप साफ-साफ चेहरे दिखाई देने लगे थे।हिना ने पूरी तरीके से अपनी सारी याददाश्त वापस पा ली थी।उसे सब कुछ याद आ चुका था।उसने युसूफ