रात के घनघोर अंधेरे को चीरने का प्रयास करती हुई सुबह के उजाले की कुछ किरणों ने अभी लोगो की नींद से उठाना आरम्भ किया ही था कि तभी तंग और संकरी गलियों में मुस्तैदी के साथ अपने शिकार की ओर आगे बढ़ती सैनिकों की एक हथियारबंद टुकड़ी जल्दी ही एक सात मंजिला इमारत को चारों ओर से घेर चुकी थी......सुनसान और वीरान सड़कों पर मातम का एक अजीब सा सन्नाटा पसरा था, न तो मॉर्निंग वॉक के लिए जाते हेल्थ कॉन्शियस लोग नजर आ रहे थे, और न ही दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए सुबह तड़के घर छोड़ने वाले