मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको

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अदम गोंडवी की कलम से एक दलित युवती की कहानी, जिसे सवर्णों के अत्याचार का शिकार होने के बाद भी हमारा सामाजिक ढांचा न्याय नहीं दिला पाता. एक कुंठित मानसिकता का परिचायक था जिससे सब ठाकुर और पंडित पुरुष ग्रसित हैं । उनके लिए छोटी जाति की औरत एक खिलौना है और उन्हें किसी तरह स्वीकार्य नहीं है की वो उनको आँखें दिखाए। कविता ज़रा लम्बी है और अंत आते आते आपको उस system उस समाज से घिन आने लगेगी जिसका हम सब हिस्सा हैं। तो लीजिये प्रस्तुत है अदम गोंडवी की रचना । निवेदन है पूरा पढ़ें, ज़रा सी लम्बी है...