अमावस्या की रात।

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अमावस्या की रात यह कहानी है! एक भयानक रात की वह रात थी अमावस की रात यह सोचकर तुम्हारे रोंगटे खड़े हो जायेंगे कि कहानी पढ़ते वक़्त पीछे मत देखना वरना खतरनाक हो सकता है पीछे भूत भी हो सकता है!!सोच लो देखना मत! देखोगे तो र जाओगे मत देखो मत देखो मत देखो चुपचाप कहानी पढ़ते रहो देखो कहा था देखना मत देख लिया न कुछ भी तो नहीं था! मगर डरे ना इसी तरह के भय को ही तो डर कहते हैं!डर एक ऐसी चीज बनाई है भगवान् ने कि पूछो मत बस हम लोग डर-डर के जीते