सूर्य बनकर जो चमका था चौहान वंश का,प्रचंड आंधी सा जो काल बना विदेशी लुटेरों का।था पुत्र कपूरी देवी व सोमेश्वर चौहान का,बन गया जो लाडला पूरे भारत महान का।यूं तो जन्म हुआ इस धरती पर कई वीरो का।पर जन्मा ना कोई पृथ्वी पर पृथ्वी सा।जंगलों में शेरों संग खेलना खेल था जिसका,खेल में ही फाड़ा जबडा उसने एक उत्पाती शेर का।अब बुलावा आया दिल्ली से नाना के दरबार का,चला लाल अजमेर का बनने सम्राट दिल्ली के दरबार का।यूं तो जन्म हुआ इस धरती पर कई वीरो का,पर जन्मा ना कोई पृथ्वी पर पृथ्वी सा।वहां पहुंचकर पृथ्वी ने शासन संभाला