राधा चली गयी। पर राधव के दिल से नही।वह उसे नही भुला पाया।राधा ने उसकी दूसरी शादी करा तो दी थी।पर वह दूसरी पत्नी सुधा से खुश नही था।कहाँ राधा का निश्चल प्यार।उसका मधुर स्वभाय।कहां सुधा का इर्ष्यालुपन और चिड़चिड़ा स्वभाव।राधा और सुधा में ज़मीन आसमान का अंतर था।यही कारण था कि राघव अपनी दूसरी पत्नी सुधा के साथ सामंजस्य नही बैठा पाया।जैसे प्यार की उसने सुधा से अपेक्षा की थी।वैसा प्यार उसे नही मिला।एक घर मे एक छत के नीचे रहते हुए भी वे खिंचे खिंचे से रहते।और अब राघव समय निकाल कर जब तब राधा के पास जाने