सफर का अंत - 4

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रुद्र सुनो अब शिवानी को अकेले भेजना है मत कोई इतना लापरवाह कैसे हो सकता है। हद होती है किसी भी बात की""ठीक है मम्मी में किसिना किसीको इसके साथ भेज दिया करूंगा""अरे भईया इसकी कोई जरूरत नहीं है में देख लूंगी खुदको""हा बहुत खयाल रखती हो ना खुदका जो बोल रहे हो""अच्छा सुनो रुद्र बेटा शाम के 8 बज गए है सो हम खाने का इंतजाम करते है ओके""ओके मम्मी जरूर और हा मम्मी सिस्टर के लिए इस रूम में भिजवा देना ठीक है"ठीक है भिजवा देंगे और इसकी दवाई है वो भी इसे पीला देना वरना ये बच्चो