मेरे शब्द मेरी पहचान - 13

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तो साल की आखरी शाम उन सभी जवानों के नाम जो इस देश की और हम सभी की हिफाज़त के लिए हर दम सीमा पर तैनात हैं । चाहे धूप हो , बारिश हो , आँधी हो , तूफान हो और चाहे कक्कपाती सर्दी हो वे हर पल हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर है बिना अपनी जान की परवाह किए । अपनी खुशियों में उन्हे शामिल करना ना भूलना मेरे यारों क्योंकि ये जो जिंदगी तुम हस्ते , मुस्कुराते जी रहे हो ना वो उन्ही की देन है । और अगर ना विश्वास हो तो एक कल्पना कर सकते हो