में और मेरे अहसास - 46

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  तेरी आरजु, तेरी ईबादत, तेरा ही खयाल है। महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का मलाल है।l   तेरी चाहत, तेरी जुस्तजू, तेरा ही इंतजार है l महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का कमाल है ll   तेरी खुशी, तेरी पसंद, तेरा ही सरोकार है l महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का जबाव है ll   तेरी यादे, तेरी मरज़ी, तेरा ही कारोबार है l महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का बबाल है ll   तेरी बाते, तेरी रातें, तेरा ही हवालात है l महोब्बत मे सिफँ महोब्बत का लगाम है || १२-१२-२०२१      ------------------------------------------------   हर इंसान को ख़ुद का आसमाँ चाहिएं