......दुल्हन.....अंधेरा घिर चुका था ....सोहन अपने घर के लिए भागे जा रहा था.... इतना अंधेरा उसे डरा रहा था ...मुंह पर हनुमान चालीसा गाते गाते भागे जा रहा था "...भूत पिशाच निकट नहीं आवे ...महावीर जब नाम सुनावे ...." कांपते हुए गाऐ जा रहा था...पहाड़ी रास्ता होने के कारण पैर ज्यो का त्यो पड़ रहा था... इसी बीच भेडि़यों की आवाजे सुनाई दे रही थी जो उस अंधेरे रास्ते को और डरावनी बना रही थी.......तभी अचानक उसका पैर फिसल गया.... पैर में चोट लगने के कारण जोर से करहाने लगा .........तभी छम छम की आवज से वो जंगल गुंजने लगा ....एक