भूतिया मंदिर - 3

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अब आगे ….अंधेरा का घेरा कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था पर फिर भी वह चारों पहाड़ पर बिना किसी दिशा देखे चल पड़े ,सबसे खराब बात यह थी कि उनमें से किसी के मोबाइलमें नेटवर्क नही था , यहां पहाड़ पर नेटवर्क कहाँ , नेटवर्क हो तो पुलिस को तो फोन ही किया जा सकताथा । और एक अजीब सा डर उनके अंदर आ गया थाऔर न जाने बीच -बीच में नितिन अजीब हरकत कर रहा था , कभी कहता ' चलो उस मंदिर में चले ' कभीकहता ' हम सब मर जायेंगे ' तो कभी ' तुम सब केमांस का स्वाद बहुत