सरल नहीं था यह काम - 1

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सरल नहीं था यह काम 1 काव्‍य संग्रह स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना सवित्री सेवा आश्रम तहसील रोड़ डबरा (जिला-ग्‍वालियर) मध्‍यप्रदेश 9617392373 1 तनी बंदूकों के साए तनी बंदूकों के साए हों, भय के अंधियारे छाए हों घड़ी-घड़ी आशंकाएं हों, चीत्‍कार करती दिशाएं हों ऐसे में मैंने बच्‍चों को चलते देखा हंसते देखा, गाते देखा झण्‍डों को लहराते देखा नारे कई लगाते देखा नारे कई लगाते देखा मुझे लगा कि भगत सिंह इनमें जिंदा है मेरे देश के ही थे सिपाही उनको घेरे डरपाते धमकाते उन पर आंख तरेरे