जीवन में प्रत्येक व्यक्ति सफलता की मंजिल तक पहुंचना चाहता है और इस मंजिल तक पहुंचने में उसके सहयोगी होते हैं उसका तन और मन। सामान्यतः प्रत्येक व्यक्ति सफलता प्राप्ति हेतु अपने शरीर को ह्रष्ट पुष्ट और ताकतवर बनाकर शारीरिक रूप से पूर्ण सक्रिय तो हो जाता है परंतु मन को चावल बनाना भूल जाता है परिणाम यह होता है कि शारीरिक रूप से पूर्णत: मेहनत करने पर भी सफलता की मंजिल उस से केवल कुछ कदमों की दूरी पर ही छूट जाती है और वह उसके निकट पहुंच कर भी उसे प्राप्त नहीं कर पाता।ऐसे अवसरों पर मानव भूल