आर्ट ऑफ वर्किंग

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आर्ट ऑफ वर्किंग श्रम शक्ति को बनाने की युक्ति प्रदान करता है ।जो मनुष्य को सामाजिक गरीमा का सम्मान करने के लिए होती है। स्वयं के दर्शन का प्रसाद श्रमोलित है। वास्तव में पूरी दुनिया उस दर्शन का एक सदस्य है। श्रम की पूजा कठोर या सरल तरीके से की जा सकती है। इसका लाभ आम जनता तक पहुंचाया जाता है। आर्ट ऑफ वर्किंग सिद्धांत का सहयोग माना जाता है। श्रम का पहला कदम पृथ्वी पर पड़ा तब से हाथों से श्रम किया जा रहे हैं। मन और शरीर से होने जा रहे हैं। इसे पैर से भी किया जा सकता