खुदगर्ज नहीं खुद्दार जरुर बनिये

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आधुनिक युग जिसमें, हम अपनी जिंदगी का सफर कर रहे वो समय, कभी, हमें इस अहसास की अनुभूति कहीं न कहीं करा ही देता है कि कहीं हमारा, इस युग का जीवन सफर, हमें आनन्दमय और सुखी होने से वंचित तो नहीं कर रहा है ? सवाल ऊपर से जितना सरल दिखता उतना ही अंदर से, सही उत्तर खोजने में सरल नहीं लगता। फिर भी हमारी कोशिश होनी चाहिए है, कम से कम इस सन्दर्भ में स्वयं को अवलोकन करने की चेष्टा करे। माना जा सकता है, संसार वक्त के अनुसार बदलता है । बदलाव से कोई भी अछूता नहीं