बाल्मीकि रामायण में शिक्षा संकल्पना

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बाल्मीकि रामायण एक युग प्रवर्तक रचना है जो हजारों वर्षों से भारतीय समाज का पथ प्रदर्शन करती हुई आज भी लोक ख्याति के सर्वोच्च शिखर पर आसीन है। इस अद्वितीय कृति में साहित्य, दर्शन, धर्म, राजनीति, समाज, इतिहास आदि के अध्ययन के लिए प्रभूत सामग्री की उपलब्धता के साथ ही शिक्षा विषयक बहुमूल्य विचार एवं चिंतन की भी प्रचुरता दृष्टिगोचर होती है। राम राज्य सदृश्य आदर्श सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था के मूल मैं सुदृढ़ शिक्षा व्यवस्था के होने का विचार निश्चय ही तर्कसंगत प्रतीत होता है। क्योंकि अच्छे संस्कार और आचरण वाले नागरिक ही उन्नत राष्ट्र एवं समृद्ध तथा सभ्य