सब मिथ्या है ईश्वर ने सृष्टि के निर्माण के समय लगता है कि अपना दिमाग बहुत चलाया होगा. यदि जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को देखते हैं तो मन एकदम गुस्से से भर जाता है. वे क्षीरसागर में शेषशय्या पर लेटे हुए मंद-मंद मुस्कान बिखेरते हुए लेटे हैं. माता लक्ष्मी आराम से उनके पैर दबाती है. उन्होंने अपना दूरभाष संख्या वगैरह भी किसी को नहीं दिया है. कार्य करने के लिए यमराज तथा चित्रगुप्त की तरह विश्वासपात्र लगा कर रखे हैं. दोनों का कभी स्थानान्तरण भी नहीं करते. अहर्निशं दोनों अपने कार्य में लगे रहते हैं. अभी कोरोनाकाल का