कालिदास के काव्य में सौंदर्य विधान

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कालिदास के काव्यों में प्राकृतिक सौन्दर्य ( अ ) प्रकृति का मानवीकरण ( ब ) सुख दुःख में प्रकृति का तादात्म्य ( स ) प्रकृति का साहृयचर्य कालिदास के काव्यों में प्राकृतिक सौन्दर्य काव्यों में प्रकृति के सौन्दर्य का चित्रण आदिकाव्य वाल्मीकि रामायण में प्रचुर मात्रा में है । रामायण का प्रणेता प्रकृति के शान्त और निष्कामतृप्त रूप का चितेरा रहा है । शरद् को आकाश की सान पर चढ़ाई हुई तलवार की तरह निखरा हुआ बताना - ( 1 ) और चन्द्रमा को आकाश के गोष्ठ मे विचरण करने वाला अलमस्त वृषभ कहना- ( 2 ) आदि उदाहरण