रात - 4

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होली के दुसरे दिन सब स्वर्णापुर गांव में स्थित 200 साल पुराने चामुंडा माता के मंदिर जा रहे थे। रास्ते में बस अचानक बंध हो गई। एक दादाजी मंदिर का रस्ता दिखाने के लिए उनके साथ गए थे, उन्होंने बस से नीचे उतर के जो देखा; वो देखकर दादाजी आश्चर्य में पड गए।