वीर के लिए सबसे अच्छा समय होता है शाम का. जब सूरज डूबने और हल्का अंधेरा छाने लगता है. तब वह बाल्कनी में आकर खड़ा हो जाता है. वहां से गली का मोड़ तक दिखाई देता है. वह इंतजार करता है मम्मी-पापा के दफ्तर से लौटने का. कभी वे साथ-साथ लौटते हैं पापा की लाल कार में, तो कभी-कभी मम्मी पहले आ जाती है ऑटो में.उस दिन भी वीर उनका इंतजार कर रहा था कि नीचे गेट के सामने से एक आवाज आयी, ‘‘ मालिक, नौकर चाहिए?’’वीर ने चौंक कर उधर देखा, उसकी ही उम्र का एक लड़का धोती और