रोग एने भरखी गयो!

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उसके संगीत से स्वर्ग चारो दिशाओंमें खील उठता. अप्सराये ज़ूमने लगती और पंछीया मानो की कलरव करके उसके संगीत में सुर पुरा रहे हो. दिन को सूरज और रात को चांद भी उसकी कलाकारी से जलन अनुभव करते. गंधर्व वो नजारा देख कर दंग रह गया. उसने एक छोटा सा गाव अपनी आंखो के सामने देखा. गाव में पहाड़ी के उपर एक बह रहे छोटे से पानी के धोध में अनेक बच्चे खेल रहे थे. अप्सराये गंधर्व का साथ छोड़ कर आगे निकली, पृथ्वी का स्वर्ग देखने! गंधर्व का धरती पर का पहला मित्र था गट्टू! केवल छ साल का