कोरोना प्यार है - 17 - अंतिम भाग

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(17)‌‌‌‌‌ "मां क्या बात है? कुछ परेशान लग रही हो।" दामिनी ने पुछा। "कुछ नहीं। ठाकुर साहब के यहां से फोन आया है। मूझे बुलाया है।" अनुराधा बाल गुथते हुये बोली। "मगर आज तो आपने छुट्टी ली थी।" दामिनी ने अनुराधा को पलंग पर बिठाते हुये कहा। अब वह अपनी मां के बाल संवारने लगी। "हां छुट्टी ली थी। मगर महाराज आज नहीं आये है। इसलिए मुझे बुलाया है?" अनुराधा बोली। "अरे वाह! महाराज जी को छुट्टी आसानी से मिल गयी। लेकिन तुम्हें नहीं। यह भेदभाव क्यों?" दामिनी गुस्से में आकर बोली। "कोई भेदभाव नहीं है बेटी!" अनुराधा बोली। "है