धंधा मारा जाएगा

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इक्कीसवीं सदी साइंस का जमाना।शिक्षा के प्रसार के साथ लोगो का ज्ञान बढ़ा है।लोग जागरूक हुए है और उनमें समझदारी आयी है।पहलेकी तरह लोग अज्ञानी और कूप मण्डूक नही रहे।सोशल मीडिया ने क्रांति ला दी है।देश दुनियां की खबरे ही नही छोटी से छोटी घटना भी पलक झपकते ही दुनियां के हर कोने में पहुंच जाती है।शिक्षा के प्रसार के साथ जागरूकता आयी है।इसलिए आदमी को रूढ़िवादी,अन्धवविश्वासी नही होना चाहिए।लेकिन ऐसा नही है।शिक्षा के प्रसार के बावजूद आदमी ज्यादा कट्टर और अन्धविसवासी हो रहा है।विकास औऱ उन्नति के साथ रिश्वत, भरस्टाचार में भी बढ़ोतरी हो रही है।लोग लूटने में लगे