" चलिये " जीवि ने चेहरे पर बिना कोई भाव लिए विद्युत से चलने को कहा जो अब तक उसी दिशा में देख रहा था जिस ओर प्रियमविधा गई थी ।विद्युत उसके साथ चल दिया । वे दोनों उस जुगनू से सुसज्जित महल के ही भीतर किसी रास्ते से जा रहे थे।" तो तुम हो जीवि " विद्युत ने मूर्खों की तरह पूछा।" जी! " वह काफी व्यवहारिक लग रही थी- " राजकुमारी ने परिचित करवाया होगा आपको। "" हम्म.. " कहकर वह कुछ देर चुप रहा फिर वापस बोल पड़ा- " वैसे तुम्हारी राजकुमारी इतनी ' रूड ' क्यों