शुभि (3) शुभि दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर मॉं के पास गई ।मॉं ने शुभि को एक गिलास दूध के साथ सुबह का नाश्ता दिया । नाश्ता करके वह दादी के कमरे की ओर जा रही थी तो मॉं ने बताया कि माँजी तो पीछे वाले गार्डन में है ।शुभि जल्दी से गार्डन में पहुँच गई ।वहाँ देखा कि दादी जी ने जो कुछ दिन पहले बीज बोये थे वह नन्हे पौधे बन गये थे। दादी जी उन पौधों को वहाँ से निकाल कर