सुरेश पाण्‍डे सरस डबरा का काव्‍य संग्रह - 4

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सुरेश पाण्‍डे सरस डबरा का काव्‍य संग्रह 4 सरस प्रीत सुरेश पाण्‍डे सरस डबरा सम्पादकीय सुरेश पाण्‍डे सरस की कवितायें प्रेम की जमीन पर अंकुरित हुई हैं। कवि ने बड़ी ईमानदारी के साथ स्‍वीकार किया है। पर भुला पाता नहीं हूँ । मेरे दिन क्‍या मेरी रातें तेरा मुखड़ा तेरी बातें गीत जो तुझ पर लिखे वो गीत अब गाता नहीं हूँ अपनी मधुरतम भावनाओं को छिन्‍न भिन्‍न देखकर कवि का हृदय कराह उठा। उसका भावुक मन पीड़ा से चीख उठा। वह उन पुरानी स्‍मृतियों को भुला नहीं पाया