कामवासना से प्रेम तक - भाग - 2

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लेकिन दूसरी ओर विवाहेतर संबंधों के बारे में कई बुद्धिजीवी अपनी ही बात काटते हैं और इससे नुकसान निकलते हैंऔर दूसरी और दूसरों की पत्नी की रक्षा करने की सलाह देते हैं_कामवासना का केंद्र सूर्य होताा हैैंइसलिए कामवासना स्त्री और पुरुष मेंं उत्तेजित होती है काम क्रीड़ा एक सहज प्रेमहैं यदि कोई व्यक्ति अपने भीतर के सूर्य कोजान लेता हैं/ तो वह व्यक्ति कामवासना की प्रेम अनुभूति कोोसमझ जाता हैंजैसे सूर्य और चांद से जीवन हैैं वैसेे ही कामवासना से जीवन हैंं।(^‿^)जैसे जैसे दिन से शाम होनेेे लगी सूर्य केसाथ सा