वो कहाँ गया जीवन की आपाधापी में वो कहां गया, वो किधर गया । वो सखा बचपन का था वो कहां गया,वो किधर गया ।। वो साथ ही मेरे हंसता था । वो मेरे साथ ही रोता था । वो सोता था तो दिखता था । वो उठता था तो दिखता था । वो चेहरा था अनमोल न जाने कहां गया, वो किधर गया ।। वो साथ ही खेला करता था । वो साथ ही लड़ता रहता था ।