5. शायद यही वज़ह थी जब दादाजी ने दूसरी स्त्री के साथ नाता जोड़ा, तो उनको यह बात बहुत अख़र गई| कोई भी औरत ख़ुद के जीते-जी यह बर्दाश्त नहीं कर सकती| उन्होंने हर तरह से बड़े दादा जी के साथ निभाने की कोशिश की| पर दादाजी की दिनों-दिन बढ़ती मनमानियां उनको आहत करने लगी थी|.... जब तेरे बड़े दादा ने घर छोड़कर जाने का फ़ैसला लिया, तब बड़ी दादी ने ख़ुद को ख़त्म करने का कुछ जल्दीबाज़ी में ही फ़ैसला कर लिया| उस फ़ैसले को लेते समय वह नहीं सोच पाई कि उनके पीछे से उनकी बेटियों का क्या