असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 25

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25 विज्ञापन एजेन्सी के कर्ता - धर्ता उर्फ मुख्यकार्यकारी अधीकारी के दादा जी गांव में ब्याज का छोटा मौटा धन्धा करते थे । आसामी थे । बोरगत थी । दादाजी चल बसे । ब्याज का धन्धा डूब गया । पैसा डूब गया । मा - बेटा जमा पूंजी लेकर ष्शहर आ गये । मां ने कठिनाई से पाल पोस कर बड़ा किया । बेटे ने भी मेहनत की । पहले एक छोटे अखबार में विज्ञापन लाने - ले जाने - देने का काम काज ष्शुरू किया । अपने तेज दिमाग के कारण जल्दी ही इस लधु समाचार के कुख्यात सम्पादक