एक मेंढक था जिसकी पीठ पर लाल धारी थी और गांठ में तांबे का एक गोल पैसा था जो खन-खन बजता था और उसकी जान का जंजाल था.जान का जंजाल इसलिए क्योंकि मेंढक उस पैसे को खर्च नहीं करना चाहता था, मगर जंगल में दो दुष्टों की नजर हमेशा पैसों पर रहती थी. ये दो दुष्ट थे चूहा और कौवा.चूहा और कौवा सदा ताक में रहते कि मेंढक से कोई चूक हो और वे पैसा लेकर रफूचक्कर हो जाएं. लेकिन मेंढक बड़ा चतुर था. वह अपने दोस्त कछुवे की मदद से चूहे और कौवे को सदा बेवकूफ बनाता था. उसके ये मित्र कभी अफवाह फैला देते थे कि मेंढक ने