डायन - 3

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-"हाँ... बहुत भयंकर देखा है। वो... चां...द...नी... वो... चाँ...द...नी..." -"क्या हुआ..? क्या हुआ चांदनी को..? मुसु...बोल..!" -"चां...द...नी...के साथ..." (मुस्कान के होंठ कांप उठे, सौरवने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और बोला:) -"मुस्कान क्या हुआ चांदनी के साथ...? तू इतना घभरा क्यों रही है? क्या देखा ऐसा..?? बता मुझे प्लीज़ ।" (मुस्कानने फिर शुरुआत से बात बतानी शुरू की) -"सौरव हम सब चांदनी को जंगल मे ढूंढ रहे थे न तब में थोड़ा आगे चली गई थी, जब में आगे बढ़े जा रही थी तब मुझे एक पुरानी कुटिया या...यूह कहूँ तो...मुझे