“राहुल मेरे बाबू अभी मुझे आकर सिया रेस्टोरेन्ट में मिलो मुझे तुमसे अभी मिलना है प्लीज बाबू” ये मैसेज राहुल के मोबाइल में आता है स्नेहा के नम्बर से। स्नेहा का मैसेज देखते ही राहुल भंवरे के तरह सिया रेस्टोरेन्ट खींचा चला जाता है जहाँ पर कान्स्टेबल बलबीर उसका इन्तेजार कर रहा होता है। एक टेबल पर राहुल जाकर बैठ जाता है और स्नेहा का इंतेजार करने लगता है। जब वह पूरी तरह से बलबीर और अन्य कान्सटेबलों द्वारा घेर लिया जाता है तो बलबीर उसके पास जाता है और उसे कॉलर से पकड़ के उठाता।“ओ छोरे चुपचाप चलेगा तो