त्रीलोक - एक अद्धभुत गाथा - 4

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त्रीलोक - एक अद्धभुत गाथा (उपन्यास)4सबलोग एयरपोर्ट पोहोचते है। वो लोग एयरपोर्ट के अंदर चलते है। सब लोग अपनी अपनी सूटकेस चेकिंग के लिए देते है। सूटकेस चेकिंग के बाद डायरेक्टर साहब ने ऑनलाइन खरीदी हुई टिकट दिखाकर सब लोग वेटिंग रूम मे जाते है। थोड़ी समय के बाद सब लोग प्लेन के अंदर जाते है। जल्द ही प्लेन टेक ऑफ करती है। सब लोग आराम से कश्मीर पोहोचते है। कश्मीर के एयरपोर्ट से बाहर निकलकर टैक्सी का इंतजार करते है। थोड़ी ही देर इंतजार करनेके बाद टैक्सी मिलती है। डायरेक्टर साहब दो टैक्सी रिज़र्व करते है। टैक्सी वाला कहता है -