कुकुर किसी युद्ध का मैदान है! ... टैंक ही टैंक दिख रहे हैं। दोनों तरफ सेना अपने-अपने मोर्चे लिये हैं। बमबारी जारी है। बन्दूकें धाँय-धाँय करके अट्टहास कर रही हैं.! चारों ओर लाशें ही लाशें...,खून ही खून ...। बाकी सैनिकों की तरह जगराम का भी गला प्यास से सूख रहा है। लेकिन पानी का कहीं भी नामो निशान नहीं। युद्ध का उद्देश्य आतंकवाद, नस्लवाद या देश पर शासन की भावना नहीं वरन् समुद्र पर आधिपत्य ही युद्ध का कारण बना। पानी की समस्या इसकी मूल जड़। पानी के सारे स्रोत यानी कुंआ,बावड़ी, नदी,तालाब और नलकूप का सारी पानी