1.मेरे विचार आज बह रहे है इस कलम से, और जाकर ठहरे हैं इन पन्नों पे | इस पंक्तियों के बीच दबे हैं कहीं अल्फाज, जिनमे मैंने छुपाकर भी खोल दिए हैं इन लफ्जों के राज2.बेटी !प्यार की बूंदों से सींचा वह एक कोमल फूल है, जिसके हंसने से खिल उठता सारा गगन है| निकल कर अपने परिवार के सारे आंसू, वह चाहती है सिर्फ उनकी खुशी| क्योंकि चाहे सुख हो या दुख अपने परिवार के साथ खड़े रहने वाली वह होती है बेटी|3.तुम हमेशा हमारे शब्दों में ठहरे रहो और हमारे ख्वाबों में बहते रहो, तुम हमेशा हमारी दुनिया बने रहो और हमारे सुख-दुख में