छूटा हुआ कुछ - 2

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छूटा हुआ कुछ डा. रमाकांत शर्मा 2. उमा जी को उनके पति ने आवाज दी तो उनकी तंद्रा टूटी। वे उठकर बाहर आईं तो काम में लगे उनके पति ने बिना उनकी ओर देखे कहा – “अर्जेंट काम बस खत्म होने को ही है, एक कप चाय बना दोगी।“ “हां, अभी बना कर लाती हूं। कुछ खाओगे उसके साथ?” “नहीं, मन नहीं कर रहा। अब तो सीधे खाना ही खाऊंगा।“ “ठीक है, मेरा भी सिर भारी हो रहा है, अपने लिए भी चाय बना लेती हूं।“ हां, बना लो।“ उमा जी इंतजार करती रह गईं कि शायद वे पूछ लें,