तेरे शहर के मेरे लोग - 9

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( नौ )एक दिन मैं अपनी मेज़ पर ताज़ा अाई कुछ पत्रिकाएं पलट रहा था कि मेरे हाथ में इंडिया टुडे का नया अंक आया।इसमें एक पूरे पृष्ठ के विज्ञापन पर मेरी नज़र गई। मैं इसे पढ़ने लगा।विज्ञापन देश में नई बनने वाली एक राजनैतिक पार्टी का था।इस विज्ञापन में बताया गया था कि देश में सभी पुरानी पार्टियां अपने लक्ष्य से भटक गई हैं और अब वे राजनैतिक परिपक्वता तथा अवसरवादिता के नाम पर वास्तविक समस्याओं से बचने लगी हैं।ऐसे में लोगों के बीच सुधार के उपाय स्पष्ट नीतियों के साथ कोई नहीं रख रहा। सब बातों को उलझाए