वह एक दिन

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वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीना मुश्किल कर दिया है...पता नहीं क्या होने वाला है? करे कोई भरे कोई...अब भुगतो’ मन ही मन सोचते हुए शर्मा जी ने दरवाजे के नीचे से पड़ा अखबार उठाया और आँगन में रखे गमलों के पास बैठकर अखबार पढ़ने लगे। यह उनकी दिनचर्या का अंग है। सुबह उठकर वह सबसे पहले अखबार पर ही नज़र डालते हैं। आम दिनों में तो उनके इस क्रम