पहली बारिश ------------------------------------------------------------------------- जून माह प्रारंभ हो चूँका था , खेत खलियानों की सभी धरा तप-तपकर व्याकुल सी हो गई थी | सूरज की अग्नि में जल-जलकर अवस्था विरहणी सी हो गई थी , वह अपने दिलदार का इंतजार कर रही थी , याने की बदल कब आएंगे वर्षा के साथ मिलने और मेरी यह तपन कब मिटाएंगे इसी सोचमे धरा जी रही थी | मृग नक्षत्र भी निकल भी निकल ने वाला भी हैं | ऐसा