जो घर फूंके अपना - 47 - गरजत बरसत सावन आयो री !

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जो घर फूंके अपना 47 गरजत बरसत सावन आयो री ! घड़ी की सेकेण्ड वाली सुई ने घूमकर इधर ठीक आठ बजाए और समय की अतीव पाबंदी के साथ, जिसके लिए हमारी वी आई पी स्क्वाड्रन विख्यात थी, विमान का इंजन चालू कर दिया गया. पश्चिमी हवा चल रही थी अतः पश्चिमोन्मुख रन वे 28 से जहाज़ के टेक ऑफ़ करने के बाद हमने सामान्य रूप से बाईं तरफ ( पोर्ट साइड) मुड़ने की बजाय विशिष्ट फ्लाईट को मिलने वाली छूट का लाभ उठाते हुए विमान को दाहिनी तरफ ( स्टारबोर्ड साइड) घुमाते हुए उत्तर दिशा की तरफ रुख किया.