जादूगर जंकाल और सोनपरी (9)

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जादूगर जंकाल और सोनपरी बाल कहानी लेखक.राजनारायण बोहरे 9 इसके बाद आंगन था और आंगन के बीचोंबीच एक अजीब सा चमकदार कमरा बना था जिसमें कही से दरवाजा नहीं था। शिवपाल हैरान था कि इस किले में में ज्यादातर महल और कमरे ऐसे क्यों है, जिनमें कोई दरवाजा ही नही है। यह सोच ही रहा था कि सहसा उसने देखा कि आने हाथ में एक थाली सी लिये एक सैनिक उस चमकदार कमरे की दीवार के सामने आ खड़ा हुआ है। वह सैनिक जाने किस भाषा में कोई मंत्र सा बोल रहा था उसके मंत्र बोलने के साथ चमत्कार