अधूरी कविताओं को अधूरी लालसाएं समझना… जब सांस घुटती है बारुद के धुँएं में आवाजें कलेजा चीर देती हैं अपने खौफनाक रूप से सुनती है सेंध में चुपचाप सिसकियां तब मेरी कविता अधूरी रह जाती है….