जादूगर जंकाल और सोनपरी (6)

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जादूगर जंकाल और सोनपरी बाल कहानी लेखक.राजनारायण बोहरे 6 कुछ देर बाद सामने खूब सारी रोशनी दिखी तो वह दौड़कर उधर ही पहुंचा। शिवपाल फिर चकित था- क्या रहस्यमय जंगल था। जहां रोशनी थी वहां गुफा का बाहर को खुलता एक दरवाजा था जिसके पार एक खूब चौड़ा मैदान था। जिसके चारों ओर खूब ऊंचे पहाड़ दीख रहे थे। शिवपाल सोच रहा था कि वे लोग अभी एक जंगल की सीड़ियां उतर कर वे यहां तक आये थे तो किसी गुफा का अंधेरा मिलना था लेकिन यहां तो बहुत उजालेदार माहौल था। खैर, हरी भरी घाटियां और मस्त