गुलजार गली भाग-1"तुम्हे जाना तो खुद पे हमें तरस आ गया, तमाम उम्र यूँ ही हम खुद को कोसते रहें""गुलज़ार गली" यही नाम था उस गली का। मैने कभी देखा नहीं था बस सुना था, हर किसी के ज़ुबान पे बस उसी गली का चर्चा रहता "गुलज़ार गली"।तकरीबन डेढ़ महीना हुआ होगा मुझे यहाँ आए हुए, इस डेढ़ महीने में ऐसा कोई भी दिन नहीं था, जिस दिन मैने उस गली का ज़िक्र न सुना हो। किसी न किसी के ज़ुबान से पूरे दिन में 2 या 3 बार तो सुन ही लेता था उस गली का नाम "गुलज़ार गली"।आख़िर क्या है